tag:blogger.com,1999:blog-8673519595190338794.post8455189781022009598..comments2024-03-19T02:18:29.532-07:00Comments on मेरी कविताए...: रंग...मानवhttp://www.blogger.com/profile/11993743283195892659noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8673519595190338794.post-67811269344717558872022-03-22T11:21:52.509-07:002022-03-22T11:21:52.509-07:00Behtreen Behtreen Anjani Guptahttps://www.blogger.com/profile/16369896928758405114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8673519595190338794.post-87869893604466658282018-10-05T23:37:31.437-07:002018-10-05T23:37:31.437-07:00चले जाने के बाद अक्सर तुम अपने पीछे ढेर सारे रंग छ...चले जाने के बाद अक्सर तुम अपने पीछे ढेर सारे रंग छोड जाती हो...और मैं आश्चयचकित सा तुम्हारे जाने के बाद उसे बटौरने में लगा रहता हूँ। खुशीयों का वह नीला अक्सर मेरी हथेलीयों में समाता नही तो उसे मैं झोली में भर लेता हूँ। वह हरा...तुम्हारी मुस्कुराहट का ...मैं पहले ही उठा लेता हूँ। खास तौर से समेटना चाहता हूँ मैं इतने सारे रंगो में उस पीले को....जो प्यार से तुमने मेरे गाल पर लगाया था, ठीक जाने से पहले....जो अब होठों पर उतर आया है पर हाथ में नही आता वह कभी, वह चहरे से ही चिपका रह जाता है...हां...तुम्हारी उस चुहल का कोई रंग नही मिलता मुझे कभी...और मैं अक्सर उसे खोजने में वक्त गंवा देता हूँ... जब की वह तो बादलों सा सफेद बिखरा पडा आसमान में उड जाता है तुरन्त तुम्हारे जाने के बाद...और अक्सर बारिश बनकर बरसता है बिना किसी रंग के...और मुझे भीगो कर चला जाता है तुम्हारे प्यार में....और मैं...मैं तुम्हारे सारे रंग उसके साथ मिला देता हूँ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8673519595190338794.post-2468046138312354752010-11-03T07:24:16.427-07:002010-11-03T07:24:16.427-07:00bahut sundar manav... adbhut hai...bahut sundar manav... adbhut hai...Abha Mhttps://www.blogger.com/profile/15440138826878486420noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8673519595190338794.post-49065411141920374572010-11-03T07:24:15.143-07:002010-11-03T07:24:15.143-07:00इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Abha Mhttps://www.blogger.com/profile/15440138826878486420noreply@blogger.com