सोमवार, 12 जुलाई 2010

भूख..


क्या तुमने वह संगीत सुना है,
जिसे कोई भूख के लिए बजा रहा होता है?
बंधे-बंधाए सुर के बीच में कहीं उसकी उंग्लिया गलती से कांप जाती है।
कहते हैं, जब दूर देश से उसकी प्रेमिका का खत उसे मिलता था..
तो वह उस ख़त में प्रेम नहीं.... पैसे तलाशता था।
सुना तुमने.... सुनों...
भूख के लिए उसकी उंग्लिया फिर कांप गई।
लोग उससे कहते हैं कि वह बहुत अच्छा संगीत लिखता है।
तो वह कहता है कि... मैं नहीं लिखता, लिखता तो कोई ओर है...
मैं तो बस उसे सहता हूँ।
संगीत उसकी धमनियों में नहीं है...
वह उसके पेट निकलता है।
हर उंग्लियों की गलती पर उसके संगीत में आत्मा प्रवेश करती है।
कहते है... वह भर पेट संगीत नहीं लिख पाता है...
उसके लिए उसे भूखा रहना पड़ता है।
भूख...
भूख एक आदत है.... बुरी आदत।
जो उस व्यक्ति को लगी हुई है...
जिसे वह लगातार सहता है।

6 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत उम्दा.

बेनामी ने कहा…

waah... lajawab..

डिम्पल मल्होत्रा ने कहा…

भूख एक आदत है.... बुरी आदत।
हम्म...
और कुछ लोग वक़्त हो गया इस लिए खाना कहा लेते है...

crazy devil ने कहा…

bahut accha likhte hain aap

बाबुषा ने कहा…

अच्छा काम कर रहे हैं आप.
पढ़ने में पूरा स्वाद मिल रहा है.
उंग्लिया - तर्जनी दुरुस्त कर लेंगे प्लीज़ ? अंगुलियाँ .
(अगर ग़लत तरह से लिखा जाना किसी स्टाइल का हिस्सा न हो तो ..अंग्रेजी में विक्रम सेठ spellings से ख़ूब खिलवाड़ करते हैं. स्टाइल है उनका )

Azad singh ने कहा…

Main to baans ki pongari hu, par usme se jo sangeet behta h wo kisi aur ka h.....main to bas use sahta hu.

आप देख सकते हैं....

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