शक्कर के पाँच दाने जादू हैं।
जिनके पीछे चीटियाँ भागती हैं।
दो दानों पर पहुँचती हैं,
तीन आगे दिखते हैं।
भागकर बाक़ी सारी चीटियों को बुला लेती हैं।
पाँचवे दाने पर पहुँच जाती हैं,
मगर पीछे के दो दानों को भूल जाती हैं।
फिर वही दो दाने आगे मिलते हैं।
वो जादू में फस जाती हैं,
और घूमती रहती है।
ये खैल कभी खत्म नहीं होता।
क्योंकि चींटियाँ तलाश रहीं हैं, खेल नहीं रही।
जादूगर एक है जो खैल रहा है।
3 टिप्पणियां:
VERY NICE
केवल एक स्माइली चलेगी ? :)
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